"Kaanta laga" fame Shefali Jariwala passes away at 42; Cardiac arrest suspected
हालांकि मौसम विभाग की मानें तो इसका प्रभाव अब कम हो गया है
कोलकाता। बंगाल की खाड़ी से उठा भयंकर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ओडिशा तट को पार कर गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तूफान गुरुवार 24 अक्टूबर आधी रात तट से टकराया, जिसकी वजह से गुरुवार आधी रात से शुक्रवार सुबह तक तूफान का लैंडफॉल हुआ। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक तूफान दाना की वजह से बारिश का कहर जारी रहेगा। हालांकि सवाल ये है कि ये चक्रवात कब बनते हैं और अब अगले चक्रवात का नाम क्या होगा।
मौसम वैज्ञानिकों ने विभिन्न परीक्षणों और सर्वे के बाद पाया है कि चक्रवात अप्रैल से मई और अक्टूबर से नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में पैदा होते हैं। हालांकि कभी इनकी शक्ति कम होती है तो कभी ये इतने भयानक होते हैं कि सब कुछ नष्ट हो जाता है। इन तूफान का निशान कभी बांग्लादेश होता है, कभी ओडिशा, कभी पश्चिम बंगाल। पिछले साल ठीक इसी वक्त यानी अक्टूबर के आखिर में चक्रवात ‘हामून’ आया था। इस तूफान ने बांग्लादेश, भारत, और म्यांमार को प्रभावित किया था।
चक्रवातों के नामकरण में एक विशेष दृष्टिकोण अपनाया जाता है। कुछ देश चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विज्ञान संगठन की तरफ से निर्धारित नियमों के अनुसार रखा जाता है। ये देश भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यमन हैं। हर देश एक-एक करके तूफान का नाम रखता है, जैसे कुछ साल पहले ‘यास’ नाम का चक्रवात बंगाल के तट पर आया था। यह नाम ओमान ने दिया था। इसके अलावा असानी तूफानका नाम श्रीलंका ने रखा था।
वहीं चक्रवात दाना का नाम कतर ने रखा है। वहीं अगले चक्रवात का नाम ‘शक्ति’ होगा। इस नाम को श्रीलंका ने दिया है। दाना की वजह से ओडिशा के सभद्रक और बांसडा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बांसडा में कई पेड़, बिजली के खंभे गिरने की भी सूचना है। हालांकि मौसम विभाग की मानें तो इसका प्रभाव अब कम हो गया है।